New Delhi: देश को हिला देने वाले Air India plane accidents ने न केवल 241 लोगों की जान ली, जितना ही एक ऐसे व्यक्ति की छोड़ दिया, जो ज़िंदगी को बोझ समझ रहा है। इस अच्छे खेमे के इस हादसे का only survivor of the crash, 32 वर्षीय अमित शर्मा ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि “चारों तरफ सिर्फ लाशें थीं, हर कोई या तो मर चुका था या आखिरी सांसें गिन रहा था।
यह दर्दनाक हादसा तब हुआ था जब Air India की फ्लाइट AI-204 लंदन से अहमदाबाद वापस आ रही थी। इस विमान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें से 241 की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा अहमदाबाद एयरपोर्ट से सिर्फ 6 किलोमीटर पहले हुआ था, जब अचानक तकनीकी खराबी के कारण विमान क्रैश हो गया।
हादसे की भयावहता
अमित शर्मा, जो एक बिजनेस ट्रिप के बाद भारत लौट रहे थे, ने बताया कि विमान तेज़ी से हिलने लगा और कुछ ही पलों में ज़मीन से टकरा गया। “जब मैंने आंखें खोलीं, तो चारों ओर आग, धुआं और बिखरी हुई लाशें थीं। मुझे खुद यकीन नहीं हो रहा था कि मैं जिंदा हूं,” अमित ने मीडिया से बात करते हुए कहा।
वहीं पर उन्होंने आगे बताया कि उन्हें कई स्थान पर चोटें आईं, लेकिन सबसे ज़्यादा दर्द उन्हें वो लोग दिखकर हुआ जिनसे वो महज़ कुछ घंटे पहले बातचीत कर रहे थे। “एक मां अपने बच्चे को ढूंढ रही थी. लेकिन दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं।”
इलाज और मानसिक स्थिति
अमित को एयरपोर्ट के निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी सर्जरी और मानसिक परामर्श किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनका शरीर अब धीरे-धीरे ठीक हो रहा है, लेकिन उनका मानसिक आघात बहुत गहरा है।
अमित ने इस बारे में कहा, “प्रत्येक रात मुझे वही दुर्घटना याद आती है। चिल्लाना, खून, और टूटे हुए शरीर मेरी आँखों के सामने डांस करते हैं। जिंदा रहना भविष्य है या दंड – इसका जवाब मैं नहीं जानता।”
राष्ट्रीय शोक
भारत सरकार ने हादसे के बाद दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। DGCA और एयर इंडिया की संयुक्त टीम दुर्घटना की तकनीकी जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, इंजन फेलियर और पायलट से कंट्रोल खोने की बात सामने आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस हादसे को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
मानवता की मिसाल
राहत और बचाव के काम में सक्रिय स्थानीय जोड़ों और एनडीआरएफ टीम ने अमित को मलबे से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अमित ने कहा, अगर वो लोग समय पर नहीं आते, तो शायद मेरी भी जान चली जाती।
Air India हादसा एक विमान दुर्घटना नहीं, लेकिन मानव त्रासदी का वो अध्याय जो कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इकलौते बचे यात्री की यह बात इस बात की याद दिलाती है कि ज़िंदगी कितनी अनिश्चित है, और हर पल को जीना कितना ज़रूरी।
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