ट्रंप बोले- Israel-Iran में शांति हुई, पर जमीनी हालात बता रहे कुछ और

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि Israel-Iranके बीच अब शांति स्थापित हो चुकी है।” इस घोषणा को विश्वभर में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। इस्राइल की ओर से ताजा मिसाइल हमलों की पुष्टि ने इस कथित शांति की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ट्रंप की घोषणा – एक नई शुरुआत या राजनीतिक चाल

डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर शांति समझौता करवाया है। उनके अनुसार, यह समझौता “मध्य पूर्व में स्थायी शांति की ओर एक बड़ा कदम” है। उन्होंने कहा कि “अब युद्ध नहीं, संवाद होग।

लेकिन Trump के इस दावे के तुरंत बाद इस्राइल ने रिपोर्ट दी कि ईरान की ओर से फिर से मिसाइल दागे गए हैं, जिससे इस कथित “शांति” की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न उठे।

जमीनी हकीकत: मिसाइल हमले अब भी जारी

ट्रंप की घोषणा के कुछ ही घंटे के बाद, इस देश को सुरक्षा बल (IDF) ने जानकारी दी कि ईरान की सीमा के निकट क्षेत्रों में कई मिसाइल हमले किए गए, जिनका जवाब इस्राइल ने भी भारी रूप में दिया। मीडिया के अनुसार, कई स्थानों पर बमबारी किए गईं और सीमित क्षेत्रों में लोगों को बंकरों में जाना पड़ा।

इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी बयान दिया कि “हम शांति का स्वागत करते हैं, लेकिन जब तक हमारे नागरिकों पर हमला होता रहेगा, हम चुप नहीं बैठ सकते।”

इंटरनेशनल रियाक्शन

ट्रंप के बयान पर संयुक्त राष्ट्र (UN), यूरोपीय संघ (EU) और अमेरिकी सरकार की वर्तमान बाइडन प्रशासन ने कोई सीधा समर्थन नहीं दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि “हमें फिलहाल इस कथित समझौते की पुष्टि नहीं है और हम हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।”

वहीं Iran की सरकार ने भी ट्रंप की घोषणा को “राजनीतिक प्रोपेगैंडा” करार दिया और इसे झूठा ठहराया।

क्या ट्रंप की घोषणा एक चुनावी रणनीति है

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह घोषणा अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए की गई है। ट्रंप पहले भी खुद को एक सफल डील मेकर के रूप में पेश करते रहे हैं – चाहे वह उत्तर कोरिया से बातचीत हो या अब ईरान-इस्राइल शांति की बात।

लेकिन अगर जमीनी हालात उसकी पुष्टि न करें, तो यह घोषणा उनके लिए नुकसानदायक भी हो सकती है।

आम जनता का नजरिया

Israel-Iran की आम जनता के बीच अभी भी तनाव, डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। कई नागरिकों का कहना है कि “नेताओं की घोषणाएं तो होती रहती हैं, लेकिन हमारी ज़िंदगी हर दिन डर के साये में गुजरती है।

ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा दावा जरूर है, लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर युद्धविराम नहीं होता, मिसाइल हमले नहीं रुकते और दोनों देशों के नेताओं की तरफ से औपचारिक पुष्टि नहीं होती – तब तक यह महज एक राजनीतिक स्टंट माना जा सकता है। पूर्व में स्थायी शांति की आश सभी को है, परंतु उसके लिए केवल शब्द गैर-जरूरी, कदम और पारदर्शिता जरूरी है।

TTD का केंद्र से आग्रह – तिरुपति एयरपोर्ट का नाम भगवान श्री वेंकटेश्वर के नाम पर किया जाए

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने केंद्र सरकार से औपचारिक रूप से आग्रह किया है कि तिरुपति हवाई अड्डे (Tirupati Airport) का नाम भगवान श्री वेंकटेश्वर के नाम पर रखा जाए। यह प्रस्ताव धार्मिक भावनाओं को सम्मान देने और तिरुपति की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करने के उद्देश्य से रखा गया है।

क्या है प्रस्ताव

TTD बोर्ड की बैठक में, सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें भारत सरकार से अनुरोध किया गया कि तिरुपति अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर “श्री वेंकटेश्वर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखा जाए।

TTD का विश्वास यह है कि तिरुपति भगवान श्री वेंकटेश्वर का मुख्य धाम है और यहां प्रत्येक वर्ष करोड़ों श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। ऐसे में एयरपोर्ट का नाम भी उनके नाम पर होना, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से संगत होगा।

धार्मिक महत्व : तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इस पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर स्थित है जिस पर दुनियाभर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु जी का अवतार माना जाता है और तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर करोड़ों की आस्था का केंद्र है।

तिरुपति एयरपोर्ट : आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में है और यह दक्षिण भारत के सबसे व्यस्त धार्मिक केंद्रों में एक को एयर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। recent years में एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया गया है और यहां से हाज यात्रा व अन्य विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की भी शुरुआत हुई है।

धार्मिक जुड़ाव :TTD का कारण दे रहा है कि जब देशभर के कई एयरपोर्ट्स महान नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों या ऐतिहासिक शख्सियतों के नाम पर हैं, तो भगवान वेंकटेश्वर के नाम पर तिरुपति जैसे धार्मिक स्थल पर एयरपोर्ट का नामकरण एक उचित और सम्मानजनक पहल होगा।

जन समर्थन

सोशल मीडिया पर भी इस प्रस्ताव के बारे में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। कुछ यूज़र्स ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक पहल है, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा। फिर भी, स्थानीय जनता और श्रद्धालु वर्ग को यह प्रस्ताव खुशियों की रंगत दिखा रहा है।

TTD ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है और अब निर्णय गृह मंत्रालय व नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लेना है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो तिरुपति एयरपोर्ट का नाम जल्द ही “श्री वेंकटेश्वर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” हो सकता है।

TTD का यह कदम सिर्फ नाम बदलने की मांग नहीं है, लेकिन यह धार्मिक पहचान, आस्था और परंपरा को सम्मान देने का प्रयास भी है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है।

Lychee Gravy Momos देख भड़का इंटरनेट – यूजर्स बोले, ऐसा पाप मत करो यार

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भारतीय स्ट्रीट फूड की जगह पर कुछ नया और अजीबपर्याय परोसने की होड़ ने फिर से सोशल मीडिया को चौंका दिया है। इस बार का मामला है Lychee Gravy Momos का, जिसकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। देखने में जितनी अजीब इस डिश लगती है, उतनी ही प्रतिक्रियाएं इस पर आ रही हैं – और ज़्यादातर यूजर्स का कहना है: “ऐसा पाप मत करो यार”

What is Lychee Gravy Momos

मोमोज़ – जिन्हें आम तौर पर वेज या चिकन फिलिंग के साथ, स्टीम या फ्राइड करके, रेड और ग्रीन चटनी के साथ परोसा जाता है – अब एक नए और विवादास्पद रूप में सामने आए हैं। दिल्ली के एक स्ट्रीट वेंडर ने इन मोमोज़ को मीठी लीची ग्रेवी में डुबाकर एक बिल्कुल नया “फ्यूज़न” तैयार किया है। इस वीडियो में देखा गया कि मोमोज़ को कढ़ाई में लीची से बनी गाढ़ी ग्रेवी में डालकर, ऊपर से क्रीम और चॉकलेट सिरप जैसी चीज़ें डाली जा रही हैं।

सोशल मीडिया

वीडियो सामने आते ही Twitter, instagram और youtubeपर प्रतिक्रियाओं की लू आ गई:

  • एक यूजर ने लिखा था: “मोमोज़ की आत्मा रो रही होगी।”
  • दूसरे ने लिखा: “लीची और मोमोज़ का रिश्ता वैसा है जैसे समोसे में आइसक्रीम डाल दो।”
  • किसी ने लिखा था: “भाई, इतना पाप मत करो, मोमोज़ को मोमो ही रहने दो!”
  • मीम्स की avalanche आ गई – किसे ने इसे “डिश नहीं, अत्याचार” कहा।

फ्यूजन फूड का ट्रेंड या हद से ज़्यादा क्रिएटिविटी

कुछ सालों में, हमने फ्यूजन फूड के नाम पर कई अजीबोगरीब प्रयोग देखे हैं — जैसे मैगी गोलगप्पे, चॉकलेट समोसा, फालूदा डोसा और अब लीची मोमोज़। फूड ब्लॉगर और शेफ्स जहां कुछ नया करने की कोशिश करते हैं, वहीं दर्शक इसे पसंद करने के बजाय अधिकतर समय ट्रोल ही करते हैं।

यह डिश वायरल क्यों हुई

  1. स्ट्रेंग थिंग फ्यूजन: मोमोज़ ऐसे ताज़े, नमकीन स्ट्रीट फूड को मीठी लीची ग्रेवी में बदलना सभी के लिए शॉकिंग था।
  2. वीडियो एंगल: वायरल वीडियो में जिस तरह डिश प्रेज़ेंट की गई, वह दिखने में अजीब और अनैच्छिक नज़र आई।
  3. यूजर्स की नाराज़गी: लोग अपने पसंदीदा फूड के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर पाते, खासकर जब बात मोमोज़ की हो।

क्या ऐसे फूड वीडियो पर रोक लगनी चाहिए

हालांकि रचनात्मकता का स्वागत होना चाहिए, लेकिन सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का मानना है कि खाने के साथ इस तरह की ‘क्रिएटिविटी’ को बढ़ावा देने से खाद्य संस्कृति का मज़ाक बनता है। कई लोगों ने इन फूड वेंडर्स को सिर्फ वायरल होने के लिए बेस्वाद और बेवजह की डिशेस बनाने का आरोप भी लगाया।

Lychee Gravy Momos ने फिर से यह साबित कर दिया है कि भारतीय Food Lovers सिर्फ स्वाद से ही जुड़े होते हैं, भावनाओं से भी जुड़े होते हैं। हर बार जब उनके पसंदीदा स्ट्रीट फूड के साथ ऐसे प्रयोग होते हैं, तो इंटरनेट इसे लेकर नाराज़ हो उठता है।

Tata Motors को लगा बड़ा झटका: JLR ने FY26 में ‘Zero Cash Flow’ का दिया अलर्ट, शेयर 5% टूटा

2025 की दूसरी तिमाही में जबकि अधिकांश ऑटोमोबाइल कंपनियों ने स्थिर या बढ़ते ट्रेंड में दिखाई दी, उसी समय Tata Motors को बड़ा झटका लगा। कंपनी के मुख्य ब्रांड Jaguar Land Rover (JLR) की FY26 के लिए जारी की गई चेतावनी ने निवेशकों को उछाल दिया है। इस चेतावनी के कारण कंपनी के शेयरों में 5% से अधिक की गिरावट देखी गई।

ज़रा देखिए JLR का अलर्ट क्या है?

JLR ने हाल ही में घोषणा की थी कि वित्त वर्ष 2026 (FY26) में उसका फ्री कैश फ्लो (Free Cash Flow) ‘करीब-करीब शून्य’ होगा। इसके पीछे कंपनी ने निम्नलिखित कुछ प्रमुख कारण बताए हैं:

  • विशाल संख्या में चल रहे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में निवेश
  • ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितता
  • इनपुट लागतों में उत्व
  • आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) में बाधाएँ
    JLR के इस बयान के बाद निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है, विशेषकर उन लोगों में जिन्होंने EV ग्रोथ स्टोरी के भरोसे Tata Motors में निवेश किया था।

Tata Motors का शेयर क्यों गिरा?

Tata Motors शेयरों में कमी की सीधी कारण JLR का यह पUBLICेशन ही है। निवेशकों को यह भय सता रहा है कि यदि JLR में कैश फ्लो प्रभावित होगा, तो इससे Tata Motors का overall रेवेन्यू और प्रॉफिट पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

BSE पर Tata Motors का शेयर पास ₹1000 के पिछले स्तर से कम होकर ₹950 के पूरे के करीब बंद हुआ, जो करीब 5% की कमी को दिखाता है।

Tata Motors में JLR का क्या महत्व है?

JLR, Tata Motors की अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनी है, जिसकी आय कंपनी के कुल राजस्व का बड़ा हिस्सा होता है। JLR पिछले कुछ वर्षों में ने कंपनी को:

  • प्रीमियम वाहन सेगमेंट में डेडीस्फ़ गईँ
  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत आकलन दी।
  • EV सेगमेंट में इनोवेशन का नेतृत्व किया।
    ऐसे में JLR की कोई भी कमजोर स्थिति Tata Motors के समग्र प्रदर्शन पर असर डालती है।

विश्लेषकों की राय क्या कहती है

आम मार्केट विश्लेषकों का मत यह है कि यह गिरावट अल्पकालिक (Short Term) हो सकती है, परन्तु इससे यह स्वाभाविक होता है कि:

  • EV ट्रांजिशन में निवेश जोखिमपूर्ण भी हो सकता है
  • Tata Motors को अपने अन्य सेगमेंट्स से CV और PV (Commercial & Passenger Vehicles) पर बैलेंस बनाकर रहना होगा

JLR को निवेश और नकदी प्रवाह रणनीति को लचीला और पारदर्शी बनाना होगा

यदि आप Tata Motors में पहले से निवेश कर चुके हैं या करना चाहते हैं, तो इन चीज़ों पर ध्यान दें:

  • कंपनी की लॉन्ग टर्म EV रणनीति पर नजर बनाए रखें
  • JLR के आगामी तिमाही नतीजों और कैश फ्लो गाइडेंस पर विशेष रूप से ध्यान दें

गिरावट को पैनिक में बेचने की वजह न बनाएं

Tata Motors के शेयरों में 5% की गिरावट एक जायज चिंता का संकेत है, लेकिन यह कंपनी की लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी पर सवाल नहीं खड़ा करती। JLR की ‘Zero Cash Flow’ चेतावनी एक रणनीतिक चुनौती है, जिसे अगर सही ढंग से मैनेज किया जाए, तो यह गिरावट निवेश का अवसर बन सकती है।

NEET UG 2025 टॉपर महेश कुमार ने 99.99% स्कोर के साथ किया टॉप राज्यवार क्वालिफाई छात्रों की सूची जारी

नई दिल्ली – नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आखिरकार NEET UG 2025 का रिज़ल्ट जारी कर दिया है और इस साल के टॉपर बने हैं महेश कुमार, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.99% स्कोर के साथ ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल की है। देशभर में मेडिकल के छात्रों के लिए सबसे प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा मानी जाने वाली NEET (National Eligibility cum Entrance Test) ने इस बार भी लाखों उम्मीदवारों का भविष्य तय कर दिया है।

टॉप रैंकर्स में किसने मारी बाज़ी

महेश कुमार को छोड़कर टॉप 10 रैंक में दिल्ली, राजस्थान, तेलंगाना और महाराष्ट्र के दर्जनों छात्रों ने जगह बनाई है। टॉपर महेश ने कहा, “मेहनत और निरंतर अभ्यास ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। मैंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर केवल पढ़ाई पर फोकस किया।”

इस वर्ष करीब 22 लाख छात्रों ने NEET UG 2025 परीक्षा दी थी, जिनमें से लगभग 11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने क्वालिफाई किया है।

राज्यवार आंकड़े: कौन-सा राज्य सबसे आगे

NTA द्वारा जारी की गई राज्यवार लिस्ट के अनुसार:

  • उत्तर प्रदेश: 1.2 लाख से अधिक छात्र क्वालिफाई हुए
  • महाराष्ट्र: 1.1 लाख उम्मीदवारों ने सफलता पाई
  • राजस्थान: 95,000+ क्वालिफाइड कैंडिडेट्स
  • तमिलनाडु: 80,000 से अधिक
  • बिहार और पश्चिम बंगाल में भी अच्छी संख्या में छात्र सफल हुए
    ये आंकड़े बताते हैं कि बड़े राज्यों में प्रतियोगिता बेहद कड़ी रही और छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

कटऑफ मार्क्स

NTA ने कैटिगरी के साथ-साथ कटऑफ स्कोर भी जारी किए हैं:

  • जनरल कैटिगरी: 720–137
  • OBC/SC/ST: 136–107
  • PWD (जनरल): 136–121
    कटऑफ में इस वर्ष थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली, जो छात्रों के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।

काउंसलिंग प्रक्रिया क्या है

अब जबकि रिज़ल्ट जारी हो गया है, अगला कदम NEET UG काउंसलिंग 2025 होगा, जो कि MCC (Medical Counseling Committee) द्वारा आयोजित की जाएगी। उम्मीदवारों को जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर काउंसलिंग की डेट्स, रजिस्ट्रेशन और चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

काउंसलिंग प्रक्रिया में दो मुख्य प्रकार होंगे:

  1. AIQ (All India Quota) – 15% सीटों के लिए
  2. State Quota – 85% seats
    All the candidates are advised that they should regularly update themselves by checking the official website (neet.nta.nic.in) and MCC’s website.

टॉपर से जानिए सफलता का मंत्र

महेश कुमार, जिन्होंने देश भर में टॉप किया है, ने कहा, प्रतिदिन का प्लान बनाना और छोटे-छोटे टारगेट सेट करना मेरी स्ट्रैटेजी थी। मैंने NCERT को बार-बार पढ़ा और मॉक टेस्ट पर फोकस किया

NEET UG 2025 रिजल्ट फिर से यह साबित करता है कि लगन और अनुशासन के साथ कोई भी स्टूडेंट मेडिकल फील्ड में अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है। टॉपर्स की सफलता प्रेरणादायक है और राज्यवार डेटा यह दिखाता है कि हर कोने से टैलेंट उभर रहा है.


जर्मनी में छुपकर रचाई महुआ मोइत्रा ने शादी, 65 साल के BJD नेता पिनाकी मिश्रा बने हमसफ़र

भारत की राजनीति में हमेशा से चर्चा में रहने वाली TMC सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इस बार वजह कोई विवाद नहीं, बल्कि उनकी गुपचुप शादी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महुआ मोइत्रा ने विदेश में, जर्मनी की खूबसूरत वादियों के बीच BJD के वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्रा से शादी रचा ली है। बताया जा रहा है कि यह समारोह बेहद निजी था और इसमें केवल करीबी लोग ही शामिल हुए।

  • कौन है महुआ मोइत्रा
  • महुआ मोइत्रा, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की एक्हेड मुधेदार नेता मानी जाती हैं। वो पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद हैं और अपने बेबाक बयानों, दमदार संसदीय भाषणों और सोशल मीडिया पर सक्रियता के लिए प्रसिद्ध हैं। वे पिछले एक समय एक इन्वेस्टमेंट बैंकर थीं और राजनीति में आईं। महुआ की पहचान एक निडर और प्रखर महिला नेता की रही है।
  • पिनाकी मिश्रा कौन हैं
  • पिनाकी मिश्रा एक वरिष्ठ और अनुभवी राजनेता हैं, जिनकी ताल्लुकदारी बीजू जनता दल (BJD) से है। 65 वर्षीय पिनाकी मिश्रा ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से सांसद हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी वरिष्ठ वकील के रूप में कार्य किया है और भारतीय संसद में एक समझदार और जिम्मेदार आवाज़ के रूप में देखे जाते हैं।
  • शादी पर सबकी नज़र
  • इस शादी की विशेषता यह है कि यह न केवल दो विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का मिलन है, जिभी के बीच उम्र का बड़ा फर्क है। महुआ मोइत्रा की उम्र 49 साल है, जबकि पिनाकी मिश्रा 65 वर्ष के हैं। इसी रही वजह यह शादी सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा का विषय बन गई है।
  • गुपचुप शादी की वजह
  • सूत्रों की मानें तो यह शादी बहुत निजी बना करे गई थी। दोनों नेताओं ने मीडिया से दूर रहकर अपने करीबी दोस्तों और परिवार के लिए सातिक फेरे लिए। शादी के स्थान के रूप में जर्मनी को चुना गया, जिससे यह आंका जा सकता है कि दोनों ने शांति और निजता को पहले में रखा
  • प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर
  • जैसे ही इस खबर की पुष्टि हुई, सोशल मीडिया पर #MahuaMoitra और #PinakiMishra ट्रेंड करने लगे। कुछ लोग इसे राजनीति और प्रेम का अनोखा संगम बता रहे हैं, तो कुछ इसे निजी जीवन का सम्मान करने की सलाह दे रहे हैं।

महुआ मोइत्रा और पिनाकी मिश्रा की यह शादी सुनिश्चित ही राजनीति और समाज दोनों के लिए एक नयी कहानी बन गई है। जहां कुछ लोग इसे प्रेरणादायक मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक गठबंधन की नज़र से देख रहे हैं। जो भी हो, यह तय है कि दोनों नेताओं ने अपने जीवन का यह नया अध्याय बहुत ही निजी और खास विधि से शुरू किया है।

Goa में कौआ ने मारी किक – फुटबॉल खेलते हुए वीडियो ने इंटरनेट पर मचाई धूम

इंटरनेट पर कोई न कोई वीडियो आकर दिनभर वायरल रहता है, लेकिन इस बार आकर जो वीडियो आया है, वह सचमुच हैरान करने वाला और दिल जीतने वाला है। Goa में एक कौआ (Crow) का बच्चे के साथ फुटबॉल खेलते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत जल्दी वायरल हो रहा है। इस अद्वितीय नज़ारे ने लोगों को चौंकाया भी है और मुस्कुराने मजबूर भी कर दिया है।

⚽ कौआ बना फुटबॉलर

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छोटा बच्चा फुटबॉल खेल रहा है और तभी एक कौआ भी उसमें शामिल हो जाता है। हैरानी की बात यह है कि कौआ न सिर्फ गेंद की ओर उड़ता है, बल्कि उसे अपनी चोंच और पैरों से हल्के-हल्के मारता भी नजर आता है, जैसे वह सच में खेल में हिस्सा ले रहा हो। कौए का यह फुटबॉल स्किल देखकर लोग दंग रह गए हैं।

सोशल मीडिया पर मचा धमाल

जैसे ही यह वीडियो इंटरनेट पर आया, यह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। Twitter (X), Instagram और Facebook पर लाखों लोगों ने इसे देखा, शेयर किया और मजेदार कमेंट्स भी किए।

Why is this video special?

  • यह वीडियो दिखाता है कि जानवर भी इंसानों के साथ खेलने और जुड़ने की क्षमता रखते हैं।
  • वीडियो में कोई ट्रेनिंग या ज़बरदस्ती नहीं थी – कौआ स्वेच्छा से खेल में हिस्सा ले रहा था।
  • यह नेचर और ह्यूमन इंटरैक्शन का एक प्यारा उदाहरण बन गया है।

वायरल वीडियो और इंस्पिरेशन

इस वीडियो ने दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स को हैरान कर दिया है। एक साधारण कौआ, जो अक्सर शरारती या डरपोक समझा जाता है, यहां एक खिलाड़ी (player) के रूप में सामने आया है। लोगों ने इसे “क्रिएटिव”, “cute” और “mind-blowing” तक कहा है।

Goa का यह वायरल वीडियो इंटरनेट की भीड़ में एक ताजगी भरा कंटेंट है, जो यह दिखाता है कि कभी-कभी असली एंटरटेनमेंट इंसानों से नहीं, प्रकृति से आता है। इस वीडियो ने न सिर्फ हंसी और हैरानी का मौका दिया, बल्कि एक नया नजरिया भी पेश किया – कि कौए जैसे आम पक्षी भी हमारी दुनिया का खूबसूरत हिस्सा हैं।

अगर आपने अब तक ये वीडियो नहीं देखा है, तो जरूर देखें – हो सकता है अगला फुटबॉल स्टार आपके आसपास ही उड़ रहा हो!

Pakistan से भिड़ंत में India ने गंवाए लड़ाकू विमान, रक्षा प्रमुख ने बताई नई रणनीति

नई दिल्ली:
India और Pakistan के बीच लंबे समय से जारी रहने वाले तनावपूर्ण सम्बन्धों में कई बार सैन्य टकराव की नौबत आ चुकी है। विशेष रूप से फरवरी 2019 में किए बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद दोनों की वायु सेनाओं के बीच गंभीर मुठभेड़ हुई थी। उस दौरान भारत को उसके कुछ लड़ाकू विमानों की क्षति उठानी पड़ी थी। अब भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने खुलासा किया है कि उस संघर्ष में भारत ने विमान खोए, लेकिन उसके बाद भारतीय सेना ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया और दुश्मन को करारा जवाब दिया।

India ने कब गंवाए लड़ाकू विमान?

2019 की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की वायुसेना ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। इस दौरान मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान पाकिस्तानी विमानों को रोकते समय क्रैश हो गया। पायलट अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था, जिसे बाद में रिहा कर दिया गया।

डिफेंस एक्स्पार्ट्स का मानना है कि तकनीकी खामी, पुराने विमान और कम इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम द्वारा उस समय भारत की कमजोरी थी, जिससे नुकसान हुआ। हालांकि इसके बाद भारत ने अपनी रणनीति में फिर से तेज़ी से बदलाव किया।

CDS ने क्या कहा?

हाल ही में एक सैन्य सम्मेलन के दौरान भारत के रक्षा प्रमुख (CDS) जनरल ने कहा, “हमने पहले झटका जरूर खाया, लेकिन हमने उस हार से सीखा और अपनी सैन्य रणनीति को तुरंत बदला। आज भारतीय वायुसेना की क्षमता पहले से कहीं अधिक मजबूत है।”

वह इन्हें भी बताया कि भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों को आमन्त्रित करके वायुसेना की ताकत में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। इसके अलावा निगरानी ड्रोन, अडवांस्ड रडार और तेज़ कमांड रिस्पॉन्स सिस्टम ने भी भारत को मजबूत किया है।

पाकिस्तान को नई रणनीति से जवाब

CDS के अनुसार, भारत ने न केवल फिजिकल जवाब दिया, बल्कि साइबर युद्ध, इंटेलिजेंस नेटवर्क और सीमा पर स्मार्ट निगरानी जैसे कई मोर्चों पर कार्रवाई की। इससे पाकिस्तान को साफ संदेश गया कि भारत अब हर हमले का जवाब तुरंत और सटीक तरीके से देगा

पाकिस्तान के साथ बोझ में भारत को बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है, लेकिन फिलहाल भारतीय वायुसेना तकनीक, रणनीति और मनोबल के आधार पर कहीं आगे है। भारत ने न केवल अपनी गलतियों से कुछ सिखा लिया, बल्कि उन्हें अपनी ऊर्जा में बदल दिया। आज भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Gurugram में लिव-इन पार्टनर पूजा की टैक्सी ड्राइवर मुश्ताक ने की बेरहमी से हत्या,

गुरुग्राम में लिव-इन पार्टनर पूजा की टैक्सी ड्राइवर मुश्ताक ने की बेरहमी से हत्या, शव के किए टुकड़े; उत्तराखंड तक हिली पुलिस

PAK ने रास्ता देने से किया इनकार, IAF ने दिलाई सुरक्षित लैंडिंग: ओलावृष्टि में फंसी IndiGo फ्लाइट को नहीं मिला रास्ता बदलने का अनुमोदन

इंडिगो की वाणिज्यिक फ्लाइट दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 2142 बुधवार को भयानक तूफ़ान में उस समय इससे 227 पैसेंजर्स की जान खतरे में पड़ गई जब खराब मौसम,खासकर ओलावृष्टि, ने विमान को अनोखे परिस्थितियों में डाल दिया। इस गंभीर परिस्थिति का सामना करने के लिए फ्लाइट के पायलट्स ने वैकल्पिक रूट के लिए पाकिस्तान के लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और भारतीय वायुसेना (IAF) के संपर्क में आए। इससे 227 पैसेंजर्स की जान खतरे में पड़ गई
हालांकि, लाहौर ATC ने भारतीय विमान को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिससे विमान को मौजूदा खराब मौसम से गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बीच, भारतीय वायुसेना ने भी प्रारंभ में मार्ग पर परिवर्तन की अनुमति नहीं दी, लेकिन बाद में स्थिति की गंभीरता को समझते हुए विमान को सुरक्षित रूप से लैंड कराने में सहायता की।

पायलटों ने इस घटना की जानकारी नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को दी है, जिसमें बताया गया है कि वे खराब मौसम से बचने के लिए रूट डायवर्जन का अनुरोध कर रहे थे। लाहौर और IAF, दोनों ही पक्षों ने शुरुआत में अनुमति नहीं दी, जिससे विमान को कठिन मौसम से गुजरना पड़ा

भारतीय वायुसेना ने अपने बयान में कहा:

“IAF ने सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हुए और नागरिक उड्डयन विमानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए उचित मार्गदर्शन और मदद प्रदान की।”

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, हवाई सुरक्षा और नागरिक विमानन से संबंधित निर्णयों की प्रक्रिया पर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञ ऐसे मान्यता रखते हैं कि ऐसी घटनाओं में यात्रियों की सुरक्षा को सबसे उच्च प्राथमिकता देनी चाहिए और केवल सभी संबंधित पक्षों को लचीला और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए

निष्कर्ष:

यह घटना एक चेतावनी है कि कैसे मौसम संबंधी आपात स्थितियों में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय एटीसी व सैन्य एजेंसियों के बीच त्वरित और सहयोगात्मक निर्णय लेना होता है। सौभाग्यवश, विमान सुरक्षित लैंड कर सका, लेकिन यह अनुभव आने वाले भविष्य के लिए जरूर सबक छोड़ गया है।