देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक HDFC Bank इन दिनों विवादों के घेरे में आ गया है। बैंक के वर्तमान CEO सशिधर जगदीशन पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। लीलावती ट्रस्ट से जुड़े एक विवाद में मेहता परिवार ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई है, जिससे मामला और अधिक सुर्खियों में आ गया है।
What is the whole story
मामला मुंबई के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है, जहां पर संपत्ति और धनराशि के प्रबंधन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। ट्रस्ट के एक पक्ष, यानी मेहता परिवार, ने आरोप लगाया है कि HDFC Bank और इसके CEO सशिधर जगदीशन की भूमिका कुछ संदिग्ध लेनदेन और फर्जी दस्तावेज़ों में रही है।
मेहता परिवार का कहना है कि लीलावती ट्रस्ट की संपत्तियों से जुड़ी गलत जानकारी देकर ट्रस्ट के हितों को नुकसान पहुंचाया गया। बैंक का यह सहयोग और अनुमति होना भी सवालों के घेरे में आ गया है।
FIR में क्या कहा गया
मेहता परिवार द्वारा अस्सी की गई FIR में स्पष्ट कहा गया कि सशिधर जगदीशन और अन्य सम्बन्धित लोगों ने जानबूझकर ऐसी कार्यवाही की जिससे ट्रस्ट को आर्थिक नुकसान हुआ है। FIR में धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाज़ी), 468, और 471 के तहत केस भी दर्ज हुआ है।
HDFC Bank
के बाद से शेयर बाजार में HDFC Bank के स्टॉक पर भी प्रभाव देखा गया। निवेशकों के अन्दर डर का माहौल बना हुआ है कि क्या बैंक का योगी टॉप मैनेजमेंट इस मामले को पारदर्शितापूर्वक निपटा पायेगा या नहीं।
बैंक की तरफ से अभीत तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और लीगल टीम पूरे मामले की समीक्षा कर रही है।
सशिधर जगदीशन कौन हैं
सशिधर जगदीशन वर्ष 2020 में HDFC Bank के CEO होने जा रहे हैं। उन्होंने आदित्य पुरी की जगह ली और बैंक के संचालन में कई बड़े फैसले लिए। वे बैंकिंग और फाइनेंस क्षेत्र में एक अनुभवी नाम माने जाते हैं, लेकिन यह विवाद उनके करियर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन सकता है।
धोखाधड़ी के आरोप HDFC Bank और उसके CEO सशिधर जगदीशन पर बेहद गंभीर हैं। लीलावती ट्रस्ट का विवाद पूरे प्रकरण को संवेदनशील कर दिया है और कॉर्पोरेट और बैंकिंग व्यवस्था के भारत की पारदर्शिता की क्या हिंता ये सवाल फिर से उठा दिए हैं। जांच की प्रगति और कोर्ट का रुख आने वाले दिनों में केस की दिशा तय करेंगा।