PM मोदी लौटे भारत, 5 देशों के दौरे में मिला सर्वोच्च सम्मान और रणनीतिक साझेदारियों का नया विस्तार

PM Narendra Modi | newstips.in

PM नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पांच विदेश दौरे को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान उन्होंने घाना, नामीबिया, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, ब्राज़ील, अर्जेंटीना जैसे देशों का दौरा किया। इस दौरान न केवल उन्हें इन देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने वाले कई अहम समझौते और साझेदारियां भी स्थापित की गईं।

यह दौरा भारत के लिए सिर्फ एक राजनयिक सफलता, इसके अलावा वैश्विक स्तर पर उसके बढ़ते प्रभाव का भी प्रमाण है। इस यात्रा के प्रमुख बिंदुओं और इसके प्रभाव। PM मोदी का यह दौरा जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में शुरू हुआ और कुल पांच देशों को कवर किया

मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान

    PM मोदी को इस यात्रा के अंतर्गत तीन देश – घाना, नामीबिया, त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने वहां के टॉप सिविलियन अवॉर्ड से सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान भारत के नेतृत्व में विश्व-समरसता, सहयोग और विकास में योगदान के लिए दिया गया।

    • घाना: “Order of the Star of Ghana”
    • नामीबिया: “Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis”
    • त्रिनिदाद एंड टोबैगो: “Trinity Gold Medal for Global Diplomacy”
      इन पुरस्कारों के माध्यम से यह संदेश अधिक स्पष्ट होता है कि अब भारत एक विकासशील देश के रूप में नहीं, बल्कि एक मजबूत वैश्विक भागीदार के रूप में उभर रहा है।

    प्रशान्त विश्व की रणनीतिक साझेदारियों का विस्तार

    इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण पहलू था – रणनीतिक साझेदारियों और समझौतों का विस्तार। हर देश में भारत ने किए गए MoU (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए किए।

    ऊर्जा और खनिज (नामीबिया)

    भारत ने नामीबिया के साथ यूरेनियम और दुर्लभ खनिजों के आयात के लिए रणनीतिक समझौता किया, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है।

    डिजिटल सहयोग (त्रिनिदाद एंड टोबैगो)

    भारत ने वहां की सरकार के साथ डिजिटल गवर्नेंस, फिनटेक और स्टार्टअप एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की।

    व्यापार और निवेश (अर्जेंटीना और ब्राज़ील)

    Brazil and Argentina के साथ द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि करने के लिए टैरिफ रियायतों और कृषि-निर्यात सहयोग पर सहमति बनी।

    गना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो न जैसे अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ विशेष संवाद और सांस्कृतिक आयोजनों से जुड़ाव को और बढ़ाया गया।

    इस यात्रा के माध्यम से भारत ने यह साफ संदेश दिया है कि वह अब वैश्विक मंचों पर एक मजबूत और विकासशील दुनिया की आवाज बन चुका है। पर्यावरण, वैश्विक दक्षिण (Global South), डिजिटल समावेशन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर भारत की नेतृत्व भूमिका की सराहना हुई।

    PM मोदी ने विभिन्न प्रमुख मंचों पर अपने भाषणों में “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को दोहराया, जिससे भारत की सॉफ्ट पावर को भी बढ़ावा मिला। दुनिया भर की प्रमुख मीडिया संस्थाओं ने इस दौरे को भारत की “नई विदेश नीति की दिशा” और “वैश्विक प्रभाव विस्तार” के रूप में प्रस्तुत किया।

    Reuters, The Guardian, Al Jazeera, और Financial Times सहित एजेंसियों ने इस दौरे की राजनयिक सफलताओं की सराहना की।

    इसका भारत पर क्या प्रभाव होगा?

    1. विदेशी निवेश में वृद्धि: नई सहयोगिक समझौतों के कारण भारत में एफडीआई (FDI) की संभावना बढ़ेगी, खासकर ऊर्जा और टेक सेक्टर में।
    2. प्रवासी भारतीयों का मजबूती दौरे के समय प्रवासी भारतीयों के मुद्दों पर सीधा संवाद हुआ है, जिससे उनकी समस्याएं अब नीति-निर्माण में शामिल हो सकेंगी।
    3. विदेश नीति को नई दिशा: यह दौरा यह दिखाता है कि भारत अब केवल एशिया केंद्रित नहीं, बल्कि एक वैश्विक भागीदार बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।

    PM मोदी की यह यात्रा 2025 के G20 सम्मेलन और UNGA महासभा के पहले की गई थी। भारत को अन्य देशों से सहयोग को मजबूत करने में इस दौरे से लाभ होगा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पांच देशों का दौरा ऐतिहासिक और रणनीतिक रूप से अत्यंत सफल रहा। जहां एक ओर उन्हें कई देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया, वहीं दूसरी ओर भारत ने नई रणनीतिक साझेदारियों और सहयोग का रास्ता खोला। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति नहीं, बल्कि एक स्थिर और प्रभावशाली राष्ट्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत बना चुका है।