America ने ईरान पर 37 घंटे तक किए हवाई हमले, जवाब में बड़ी चेतावनी दी

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America Iran attack एक बार फिर वैश्विक राजनीति में हलचल का कारण बन गया है। अमेरिका ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर 37 घंटे तक लगातार हवाई हमले किए। इस कार्रवाई में अमेरिकी बॉम्बर्स ने मध्य-आकाश में ईंधन भरवाकर लगातार बमबारी की। इसके जवाब में ईरान ने चेतावनी दी है कि भविष्य में उसके हमले और भी घातक होंगे।

क्या है पूरा मामला

America ने कहा है कि उन्होंने यह कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए की है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, ईरान ने अपने परमाणु संयंत्रों में फिर से संवेदनशील गतिविधियां शुरू कर दी हैं जो अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ हैं। इसी के लिए अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई करते हुए 37 घंटे तक लगातार बमबारी की।

  • America B-2 और B-52 बॉम्बर्स ने इस मिशन को पूर्ण किया।
  • बॉम्बर्स ने मध्य-आकाश ही में कई बार ईंधन भरवाया।
  • बिना रुके 37 घंटे तक चलाया गया यह मिशन।

निशाना होने वाला स्थान ईरान के परमाणु गतिविधियों के संबंध माने जा रहे हैं।

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान ने अमेरिका की इस कार्रवाई पर “आक्रामकता की चरम सीमा” कहा है। ईरानी सैन्य प्रवक्ता ने कहा, यदि अमेरिका ने दोबारा इस कार्रवाई की, तो ईरान का जवाब कहीं अधिक शक्तिशाली और विनाशकारी होगा। उन्होंने कहा, “हम किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हमारे पास प्रतिशोध की पूरी तैयारी है.”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
  • रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है।

इजराइल ने अमेरिका की कार्रवाई का समर्थन करते हुए इसे “सही दिशा में कदम” बताया।

इस हमले के पीछे की रणनीति अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित है कि ईरान चुपचाप अपने परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ा रहा है। अमेरिका पहले भी कई बार कह चुका है कि वह ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

अमेरिका और ईरान के बीच पुराना तनाव

  • 2018 में ट्रंप प्रशासन ने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर लिया था।
  • इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते चलाते-चलाते बदतर होते चले गए।
  • 2020 में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिका की ड्रोन हमले में हुई मृत्यु के बाद तनाव का/Peak स्तर हो गया था।

भारत का रुख: भारत ने अब तक इस संदर्भ में संयम बरता है और शांति बनाए रखने की अपील सभी पक्षों से की है। भारत के लिए यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पश्चिम एशिया में तनाव भारत की ऊर्जा सुरक्षा और प्रवासी भारतीयों पर सीधा प्रभाव डालने का काम कर सकता है।

  • तेल की कीमतों में उछाल हो सकता है।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है।
  • खतरा क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा पर मंडरा सकता है।
  • विश्वीय स्तर पर एक और युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

अमेरिका और ईरान के बीच यह सैन्य टकराव वैश्विक राजनीति को गंभीर दिशा में ले जा सकता है। जहां अमेरिका एक ओर ईरान को परमाणु शक्ति बनने से रोकना चाहता है, वहीं ईरान इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला कूटनीति से सुलझेगा या किसी बड़े युद्ध का रूप लेगा