Uttarkashi LIVE: सीएम धामी मौके पर पहुंचे, अब तक 150 लोगों का रेस्क्यू, एक शव बरामद

Uttarakhand के Uttarkashi में बादल फटने से भारी तबाही, रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़

Uttarakhand के उत्तरकाशी ज़िले में हुई पिछली देर रात बादल फटने (Cloudburst) की घटना के बाद हालात काफी गंभीर हो गए हैं। भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जानकारी के अनुसार, 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राहत कार्यों की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच चुके हैं।

क्या थी उत्तरकाशी में हुई इस घटना की पृष्ठभूमि

रविवार देर रात Uttarkashi ज़िले के मांडो गांव और आसपास के क्षेत्रों में अचानक भारी बारिश शुरू हुई, जिससे देखते ही देखते नालों और छोटे जलधाराओं में भयंकर बाढ़ आ गई। प्रशासन के अनुसार, यह बादल फटने की स्थिति थी, जिसने कई घरों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया।

Local administration ज्यादातर क्षतिपूर्ति कर देने के अलावा तुरंत बचाव अभियान शुरू किया जिसमें राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और सेना की सहायता ली गई। हेलिकॉप्टर और ड्रोन की सहायता से स्थिति का जायज़ा लिया गया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे ग्राउंड ज़ीरो पर

CM पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए तुरंत उत्तरकाशी का दौरा किया। उन्होंने मौके पर पहुंचकर हालात का निरीक्षण किया और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लिया। मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा:

हमारी पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत कार्य में लगी हैं। राज्य सरकार हर ज़रूरतमंद को मदद पहुंचाएगी

अब तक का अपडेट: कितने लोग रेस्क्यू हुए

  • कुल 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है
  • 1 व्यक्ति का शव बरामद हुआ है
  • कुछ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं
  • कई घर और वाहन बह गए हैं
  • सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है

प्रभावित क्षेत्र और जन-जीवन पर प्रभाव

सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र उत्तरकाशी का मांडो गांव बताया जा रहा है। इसके अलावा, गंगोत्री हाईवे पर भी बाढ़ के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। बिजली और संचार व्यवस्था भी बाधित हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क मुश्किल हो गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ इतनी तेज़ थी कि लोगों को समझने और बचाव का समय ही नहीं मिला। बहुत से परिवारों को रातोंरात घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।

प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

  • राहत शिविर स्थापित किए हैं
  • खाने-पीने और मेडिकल सुविधा की व्यवस्था की गई है
  • सेना और ITBP को भी तैयार रखा गया है
  • हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं
  • हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाक़ों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। विशेष रूप से उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली ज़िलों में भूस्खलन और जलभराव की संभावना जताई गई है।

जानकारों की राय: क्यों होती हैं ऐसी आपदाएँ

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड जैसे संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण, वनों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ रही हैं। डॉ. राकेश पांडे (पर्यावरणविद्) कहते हैं हमें हाइड्रोलॉजिकल और इकोलॉजिकल संतुलन बनाए रखने की ज़रूरत है। नहीं तो इस तरह की घटनाएं बार-बार होंगी

ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग इस घटना को लेकर संवेदनाएँ प्रकट कर रहे हैं और सरकार से तेज़ राहत कार्यों की मांग कर रहे हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी राहत कार्यों के लिए आगे आई हैं।

सरकार की अपील

Uttarakhand सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करें।

राहत कार्य जारी, सतर्क रहना जरूरी

Uttarkashi में विकसित इस फ्लैश फ्लड की घटना ने फिर से हमारी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। सरकार और प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है, लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति के बिना यात्रियों और स्थानीय क्षेत्र के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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